किसी को हम बुरा कहते किसी को अच्छा कहते हैं /
नजर का फेर है केवल नजरिया अपना अपना है /
जमानें भर की खुशियाँ हैं मिरे छोटे से इस घर मैं /
वो हैं बेचैन महलों मैं नजरिया अपना अपना है /
कहानी मेरी खुशियों की उन्हें झूटी सी लगती है /
गिला हम भी नहीं करते नजरिया अपना अपना है /
हदें जब पार ही कर ली तो समझाना भला कैसा /
यहाँ दुनिया में जीने का नजरिया अपना अपना है /
क़यामत है इनायत है इबादत है मोहोब्बत ये /
इसे महसूस करने का नजरिया अपना अपना है /
कभी हम गीत गाते है गजल भी गुनगुनाते है /
खुसी इजहार करने का नजरिया अपना अपना है /
नजर का फेर है केवल नजरिया अपना अपना है /
जमानें भर की खुशियाँ हैं मिरे छोटे से इस घर मैं /
वो हैं बेचैन महलों मैं नजरिया अपना अपना है /
कहानी मेरी खुशियों की उन्हें झूटी सी लगती है /
गिला हम भी नहीं करते नजरिया अपना अपना है /
हदें जब पार ही कर ली तो समझाना भला कैसा /
यहाँ दुनिया में जीने का नजरिया अपना अपना है /
क़यामत है इनायत है इबादत है मोहोब्बत ये /
इसे महसूस करने का नजरिया अपना अपना है /
कभी हम गीत गाते है गजल भी गुनगुनाते है /
खुसी इजहार करने का नजरिया अपना अपना है /
हदें जब पार ही कर ली तो समझाना भला कैसा /
ReplyDeleteयहाँ दुनिया में जीने का नजरिया अपना अपना है /
क़यामत है इनायत है इबादत है मोहोब्बत ये /
इसे महसूस करने का नजरिया अपना अपना है /
वाह ...बहुत खूब ।
जमानें भर की खुशियाँ हैं मिरे छोटे से इस घर मैं /
ReplyDeleteवो हैं बेचैन महलों मैं नजरिया अपना अपना है /
सही कहा आपने किसी को शेर समझ में नहीं आया
और कोई दाद पे दाद देता है नजरिया अपना अपना है बहुत खुबसूरत ......
हदें जब पार ही कर ली तो समझाना भला कैसा /
ReplyDeleteयहाँ दुनिया में जीने का नजरिया अपना अपना है /
sach hai , sabki soch alag alag hai , kahin ek tukda mil jaye to chehra khil jata hai
kya khoob kaha hai padhkar maja aa gaya bahut achcha.
ReplyDeleteहदें जब पार ही कर ली तो समझाना भला कैसा /
ReplyDeleteयहाँ दुनिया में जीने का नजरिया अपना अपना है /
जीवन को सीख देती आपकी यह रचना भावों को सहजता से संप्रेषित करती है ....अब आपने रचना तो प्रस्तुत कर दी और पढने का नजरिया अपना अपना ...!
क़यामत है इनायत है इबादत है मोहोब्बत ये /
ReplyDeleteइसे महसूस करने का नजरिया अपना अपना है /
वाह!
अद्भुत!!
सच में सबका अलग-अलग नज़रिया होता है।
सच्चाई को आपने बहुत सुन्दरता से शब्दों में पिरोया है! बेहद ख़ूबसूरत रचना! बधाई!
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना,बहुत अच्छा लिखा है आपने ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकिसी को हम बुरा कहते किसी को अच्छा कहते हैं /
ReplyDeleteनजर का फेर है केवल नजरिया अपना अपना है /
Bahut achhi aur sachhi baat aapne kahi hai! iske liye aap nishchay hi bahdaai ki paatra hain!
आपकी रचना प्रभावित करने में कामयाब है
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
क़यामत है इनायत है इबादत है मोहोब्बत ये /
ReplyDeleteइसे महसूस करने का नजरिया अपना अपना है /
.............बिलकुल सही है ममता जी ,