चेहरे पर चेहरा /
आवरण सुनहरा /
ढक रहे विद्रूप को /
ओढ़ नकली रूप को /
हम यहाँ पर जी रहे /
चमचमाते रूप से ,
सम्मान का रस पी रहे /
और खुल न जाए
पोल कोई इसलिए /
आवरण पर आवरण
पर आवरण ओढे रहे /
आवरण सुनहरा /
ढक रहे विद्रूप को /
ओढ़ नकली रूप को /
हम यहाँ पर जी रहे /
चमचमाते रूप से ,
सम्मान का रस पी रहे /
और खुल न जाए
पोल कोई इसलिए /
आवरण पर आवरण
पर आवरण ओढे रहे /
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