कोरे कागज़ पर कुछ लिख कर ,
मन हल्का कर लेते हैं /
कुछ शब्दों को मिलाजुला कर,
हम कविता लिख लेते हैं /
कभी किसी से नहीं कहीं,
अंतर्मन में उठती बातें /
उन खट्टी मीठी बातो से ,
पन्नों को भर लेते हैं /
कुछ सपने कुछ झूठे वादे,
हमें रुला कर चले गए /
आँख पोंछ कर बड़े जतन से ,
फिर सपने बुन लेते हैं /
सपने तो बस सपने होते ,
सपनो का अपना संसार /
और हकीकत तेज धार सी ,
लोहे की पेनी तलवार /
हँसना रोना सपने बुनना ,
ये भी एक हकीकत है /
सपनो से ही साहस ले कर ,
अपना मन भर लेते हैं /
सपने सच भी होते हैं ,
ये बात हमें मालूम तो हैं /
लेकिन इन नयनो का क्या ,
ये आँचल तर् कर लेते हैं /
सबकी अपनी अलग कहानी ,
अलग सभी की यहाँ कथा /
चलो आज सबकी झोली मैं ,
ममता कुछ भर देते हैं /
मन हल्का कर लेते हैं /
कुछ शब्दों को मिलाजुला कर,
हम कविता लिख लेते हैं /
कभी किसी से नहीं कहीं,
अंतर्मन में उठती बातें /
उन खट्टी मीठी बातो से ,
पन्नों को भर लेते हैं /
कुछ सपने कुछ झूठे वादे,
हमें रुला कर चले गए /
आँख पोंछ कर बड़े जतन से ,
फिर सपने बुन लेते हैं /
सपने तो बस सपने होते ,
सपनो का अपना संसार /
और हकीकत तेज धार सी ,
लोहे की पेनी तलवार /
हँसना रोना सपने बुनना ,
ये भी एक हकीकत है /
सपनो से ही साहस ले कर ,
अपना मन भर लेते हैं /
सपने सच भी होते हैं ,
ये बात हमें मालूम तो हैं /
लेकिन इन नयनो का क्या ,
ये आँचल तर् कर लेते हैं /
सबकी अपनी अलग कहानी ,
अलग सभी की यहाँ कथा /
चलो आज सबकी झोली मैं ,
ममता कुछ भर देते हैं /
No comments:
Post a Comment