Saturday, 7 January 2012

चुनाव चिन्ह

    बीते वर्ष  २०११  में जब बड़े बड़े घोटाले उजागर हुए तो समाचारों मे मैंने उमर अब्द्ल्लाह का बयान सुना ,वे भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ बोलते हुए कह रहे थे कि जेल से निकलने के बाद  सारे   भ्रष्ट  नेता यदि अपनी अलग पार्टी बना लें तो सोचिये  ये अपनी पार्टी का क्या  '' चुनाव चिन्ह ''  रखेंगे    बस  मैंने इसी  विषय ,पर एक व्यंग लिखा है |



तिहाड से  निकले हुए
 नेताओं ने मिल कर ,
बनाई  एक पार्टी |

क्या हो   ''चुनाव चिन्ह '''
इस विषय पर चर्चा  के लिए ,
बुलाई गोष्ठी |


ऐसे  चिन्ह  की
 थी जरुरत ,
जिस पर सब हों एकमत |

सुझाव थे  बहुत  सारे ,
परेसान  थे
 बेचारे  |

तभी....एक भाई बोले ,
कैसा  हो  ? यदि चिन्ह हो ,
 '' नोटों  का  बण्डल ''

बहन जी बोलीं न ..न ..न
इससे तो अच्छा है ...
'' विमान से लटकी सैंडिल ''

 या .......फिर 
.''..नोटों की माला ''
नहीं...तो...फिर ..
 ''किशान के मुह पर ताला ''


तभी   धीरे से फुसफुसाई ,
एक और बहनझी ,
इतना भी बुरा नहीं है
 ''' २ इस्पेक्त्र्म  जी ''

एक भाई ने ,
सहलाई  अपनी दाढ़ी,
दिखाई अपनी हेल्थ |

उनका  सुझाव था ,
कैसा रहेगा ?
  ''कॉमन वेल्थ '' |

तभी...एक पुराने नेता ,
उठ कर आये ,
और बिहारी मे बतियाए |

कहने ...लगे  ,चुनाव.. .. चिन्ह..का
  कौनों फिकर नहीं है |
हमरे प्...आ ..स 
सुझाव  कई हैं |

वो क्या कहते हैं ?
  ''चारा  का गठरी ''
'' रेल का पटरी ''
 ''बच्चों का फौज ''
नहीं तो फिर ,
  ''तबेला में मौज ''

तभी ..एक ,
..दक्षिण भारतीय नेता चिल्लाये !!!!!!
उन्होंने   बिलकुल
 नए नाम सुझाए  जैसे ... कि .

 ''धसकती  हुई  खादान ''
     ''महलनुमा मकान ''
''सोने का सिहासन ''
या फिर ,
''सोने के बासन ''  (बर्तन )

कोने में बैठे एक,
 कानून  के जानकार नेता फुफकारे !!!!!!!
और उन्होंने  रिजेक्ट  कर दिए,
सुझाव  सारे !!!!!!!!!!!!!!!!!

कहने लगे ,
अरे !!!  अभी हम इतने भी नहीं हैं लाचार ,
सीधे सीधे रखो ना ''भ्रष्टाचार '' |

और यू . पी .
ऍम .पी .
दिल्ली
बिहार
मद्रास
किसी का ..कोई विरोध ,
नहीं था खास , सो 
भ्रष्टाचार  के नाम पर
ध्वनिमत  से प्रस्ताव हो गया पास !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

तभी ,
धीरे  से  जनता की आवाज  आई ,
उसने भी ,
 अपनी राय बताई |
न हाथी , न पंजा न फूल  न रोटी,
अरे ........बहुत हो ...गया
अभी भी वक्त है
सुधर जाओ ...और 
चुनाव  चिन्ह  ले लो '''सफेद टोपी ''

25 comments:

  1. Karare Vyang...

    Aur ant mein ek aasha bhara sandesh...

    bahut khoob....

    www.poeticprakash.com

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  2. हर शब्‍द बहुत कुछ कहता हुआ

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  3. bahut hi sundar aur prernadayee rachana ....rajnetaon ke charitr ka parchay karati hui oj poorn .....badhai bajpai ji .

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  4. बहुत मज़ा आया व्यंगात्मक रचना पढ़ कर ...!
    आपने बहुत सलीके से सभी पर बारी- बारी से प्रहार किया है !
    बहुत सुन्दर !
    आभार !

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  5. वाह ! लगभग सभी को लपेट लिया - अति सुन्दर .

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  6. आज की राजनीति का सही विश्लेषण , सारगर्भित पोस्ट आभार

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  7. एक एक शब्द मेँ कुछ बात है........

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  8. वाह वाह ममता जी..

    सबको लपेट लिया आपने एक कविता में..
    बहुत बढ़िया :-)

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  9. बेहतरीन व्यंग्य ...पर भाषा की शुद्धता पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

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  10. shandar idea hae .vyangy behad tikha hae par hae tir nishne par .bdhai ..........

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  11. एक रचना में सभी पार्टियों की मानसिकता समाई है।
    ममता जी ऐसी रचना के लियै आपको हृदय से बधाई है।

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  12. बहुत बेहतरीन....

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  13. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12- 01 -20 12 को यहाँ भी है

    ...नयी पुरानी हलचल में आज... उठ तोड़ पीड़ा के पहाड़

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  14. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12- 01 -20 12 को यहाँ भी है

    ...नयी पुरानी हलचल में आज... उठ तोड़ पीड़ा के पहाड़

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  15. लिंक गलत देने की वजह से पुन: सूचना

    आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12- 01 -20 12 को यहाँ भी है

    ...नयी पुरानी हलचल में आज... उठ तोड़ पीड़ा के पहाड़

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  16. वाह ...बहुत खूब ।

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  17. वाह गज़ब का व्यंग..सब कुछ समेट लिया .

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  18. वाह वाह बहुत ही सुंदर एवं सार्थक प्रस्तुत

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  19. बेहद ही ब्यंगात्मक सच मुखरित हुआ है आपकी रचना से ...सादर !!!

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  20. बहुत अच्छी सुंदर प्रस्तुति,बढ़िया सार्थक अभिव्यक्ति, रचना अच्छी लगी.....
    new post--काव्यान्जलि : हमदर्द
    समर्थक बन गया हू आप भी बने मुझे खुशी होगी,.....

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  21. बहुत सटीक व्यंग..

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  22. आज 15/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गया हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  23. बहुत ही अच्छा व्यंग्य........

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  24. जबर्दस्त व्यंग्य....
    सादर।

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