aरंग लाल लाल लिए हाथ में गुलाल लिए
भांग छान छान हुरियाय रहे नेता
खाय रहे रोज घुंस नोट भरे ठूंस ठूंस
दांत फाड़ फाड़ खिखियाय रहे नेता
पोल खोल दे न कोई इस गोलमाल की
खाते परदेस में खुलाय रहे नेता
सच की पुरानी परंपरा को देखिये
काट काट जड़ से मिटाय रहे नेता
पोट पोट वोट देखो मांग रहे गाँव गाँव
बोल बोल बात मिठ्याय रहे नेता
द्वार द्वार जाय जाय शीश को झुकाय रहे
हाथ जोड़ जोड़ मुसकाय रहे नेता
जीत गीत गाय रहे ढोलकी बजाय रहे
गाड़ियों में बैठ फर्राय रहे नेता
साम दाम दंड भेद नीति अपनाय के ही
वंश बेल अपनी बढ़ाय रहे नेता
कौवा भांति कांव कांव संसद में शोर करें
हाथ पाँव कुर्सी चलाय रहे नेता
ज्ञान के विधान संविधान की भी आज तो
चीर चीर धज्जियाँ उड़ाय रहे नेता
सुरसा की भांति महंगाई मुंह फाड़े खड़ी
चैन भरी बंसरी बजाय रहे नेता
सत्ता के नशे में चूर चूर फिरें झूमते
जनता को आज धमकाय रहे नेता
लाज आज बेटियों की रोज रोज लुट रही
कागजों पे बेटियां बचाय रहे नेता
नारी की सुरक्षा वाले बिल नहीं पास किये
अधिकार उनका दबाय रहे नेता
ठौर दे न पाए उन्हें संसद में आजतक
देवी देवी बोल बहलाय रहे नेता
रात दिन अपनी भलाई की ही सोचते हैं
खाय खाय मॉल मुटाय रहे नेता