रंग बिरंगे रंग उड़ रहे
फाग चल रही संसद में |
होली की इन बौछारों से
सराबोर सब संसद में ......रंग बिरंगे रंग ......
कुछ हुरियारे कुछ हुरियारिन
मिलजुल खेल रहे होली |
अलग अलग परिधान है उनके
अलग अलग उनकी बोली |
अपने अपने हुनर दिखावें
एक दूजे को संसद में| ..रंग बिररंगे रंग ......
कुछ हुरियारे भूके प्यासे
कुर्सी से चिपके जावें |
सारा ध्यान लगा खानें में
पेट नहीं पर भर पावें |
भारत का ईमान खा गए
बैठे बैठे संसद में |..रंग बिरंगे रंग ....
इक हुरियारिन गोरीनारी
गुमसुम सी देखें बैठी |
पहनावा देसी साडी है
लेकिन तन है परदेसी |
डोर थाम के नाच नचावे
कठपुतली सा संसद में |रंग बिरंगे रंग ....
इक हुरियारे पगड़ी वाले
मंद मंद से मुस्कावें |
चाहे जितना रंग लगाओ
कुछ भी बोल नहीं पावें |
छोटो छोटी बात पूछ रहे
मैडम जी से व संसद में |रंग बिरंगे रंग ...
इक हुरियारे प्रेम पुजारी
दिखे प्रेम रंग में डूबे |
तन से तो संसद में बैठे
मन में चलते मनसूबे |
लाज शर्म की तोड़ के सीमा
फ़िल्म देखते संसद में |रंग बिरंगे रंग ....
इक हुरियारिन श्याम सलोनी
हाथी पर बैठी आवें |
चोराहे को देख यकायक
प्रतिमा बन कर सज जावें |
एक अकेली सब पर भारी
अपने घर की सासद में | रंग बिरंगे रंग ...
कुछ हुरियारे जादू वाले
करतब कर के दिखलावें
कभी एक पाले में दीखें
झट दूजे में सज जावें
अदला बदली दल की कर रहे
खेल खेल में संसद में
रंग बिरंगे रंग उड़ रहे
फाग चल रही संसद में
वाह!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
होली का पर्व आपको मंगलमय हो!
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
अदला बदली दल की कर रहे
ReplyDeleteखेल खेल में संसद में
रंग बिरंगे रंग उड़ रहे
फाग चल रही संसद में
बहुत सुंदर प्रस्तुति,अच्छी अभिव्यक्ति....
ममता जी,..सपरिवार होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि
...रंग रंगीली होली आई,
बहुत सुंदर फाग के रंग...... होली की शुभकामनायें
ReplyDeleteसंसद की होली बढ़िया लिखी .... होली की शुभकामनायें
ReplyDeleteअदला बदली दल की कर रहे
ReplyDeleteखेल खेल में संसद में
रंग बिरंगे रंग उड़ रहे
फाग चल रही संसद में... in rangon ki kya baat hai
सुंदर ||
ReplyDeleteशुभकामनायें ||
सुन्दर रचना के लिए बधाई
ReplyDeleteकुछ हुरियारे भूके प्यासे
ReplyDeleteकुर्सी से चिपके जावें |
सारा ध्यान लगा खानें में
पेट नहीं पर भर पावें |
भारत का ईमान खा गए
बैठे बैठे संसद में
बहुत सुंदर फाग के रंग
वो गोरी(तन परदेसी) नारी हमारे आदमियों की दुर्बलता है -देसी औरत की वो कदर कहाँ .और-इनकी
ReplyDelete(इक हुरियारिन श्याम सलोनी )भयंकरता वगैरा..
रंग बिरंगे रंग उड़ रहे
ReplyDeleteफाग चल रही संसद में |
होली की इन बौछारों से
सराबोर सब संसद में ......रंग बिरंगे रंग .....
सुंदर रचना.....
wah......manoranjak......
ReplyDelete.
ReplyDeleteप्रणाम !
बहुत सुंदर सरस मनभावन गीत है …
आभार !
संसद में बैठे हुरियारिन-हुरियारों के कुत्सित कृत्यों पर
आपने अपनी चमकदार लेखनी से इतने कीमती रंग डाल कर निहाल कर दिया …
ऐसी रचना पढ़ने का अपना ही आनंद है !
:)
सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई !
(गूगल की समस्या के चलते होली की शुभकामनाएं यथासमय संप्रेषित नहीं हो पाई )
विलंब से ही सही ,
स्वीकार कीजिए मंगलकामनाएं आगामी होली तक के लिए …
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♥होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार !♥
♥मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !!♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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